यूं तो यादों का कोई एक इतिहास नहीं होता है। लेकिन इतिहास में हमारी इतनी यादें दफ़्न होती हैं कि उन्हें हम वर्तमान और फिर भविष्य में भी परस्पर ढ़ोते रहते हैं। कुछ यादें फूल ही तरह होती हैं जिनके ढ़ोने के बोझ का बिल्कुल भी अहसास नहीं होता। जिनका कोई कष्टदायक परिणाम नहीं होता। उन सभी यादों को हम इतिहास में जाकर बार बार याद करते हैं और प्रफुल्लित होते रहते हैं। हम हर्षित हो उठते हैं उन यादों के स्पर्श से जिन यादों ने हमें गुदगुदाने से लेकर खुशी के आंसू रुलाने का काम किया है। वह सभी यादें हम किसी मम्मी की भांति अपने अपने यादों के इतिहास रूपी पीरामिड में सुरक्षित रखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा आने वाला भविष्य उन यादों को सुनकर प्रफुल्लित हो, हर्षित हो और गौरान्वित हो चूंकि यादों को किस्से कहानियां जीवित कर देती हैं। इसी क्रम में इस कहानी संग्रह में आपकी, मेरी, हम सबकी कहानियां हैं।